नेपाल की राजधानी में सुविधासम्पन्न मनोरंजन पार्क की आवश्यकता को सभी महसूस करते हैं। शहरी कोलाहल से दूर, तनावमुक्त वातावरण मे किसी व्यवस्थित पार्क में, प्राकृतिक र्स्पर्श में बैठकर दिल बहलाना कौन नहीं चाहेगा ! इसी चाह को पूरा करने के लिए सुविधा सम्पन्न पार्क बनाने के लिए वित्तीय क्षेत्र में स्थापित इन्टरनेशल मनी एक्सप्रेस -आईर्एमई) समूह आगे आया है। करीब १ अरब की लागत में थानकोट गाविस स्थित महादेव स्थान से २ हजार ५ सय मिटर उच्च चन्द्रागिरि पहाड तक साढे २ कि.मि. लम्बा केवलकार -थानकोट-चम्पादेवी केबलकार) परियोजना को १८ महिने के अन्दर सञ्चालन करने की बात आर्थिक क्षेत्र में चर्चित है।
जिसके फलस्वरुप वित्तीय संस्थाएं -बैंक), लगानीकर्ता, छोटे व्यवसायी उद्यमी और आपर्ूर्तिकर्ता सभी का ध्यान इस परियोजना ने अपनी ओर खींचा है। इस परियोजना अर्न्तर्गत केबलकार के अतिरिक्त फनपार्क, होटल, रेष्टुराँ, सडक और पर्ूवाधार भी करीब १ हजार ५ सय मीटर ऊँचाइ में स्थित फनपार्क को रमणीय तो बनाएंगे हीं। साथ ही केबल कार का अन्तिम पडÞाव १ हजार मीटर ऊँचाइ तक बहुत सारी व्यावसायिक गतिविधियाँ स्वतः संचालित होने लगेंगी।
फनपार्क निर्माण के लिए करीब ८० रोपनी जमीन खरीद और लिज में लिए जाने से तथा समग्र परियोजना में भाटभटेनी सुपरमार्केट और हाथवे इन्भेस्टमेन्ट जैसे समूह की लगानी के चलते मुख्य लागनीकर्ता फनपार्क प्रा.लि के लिए पूँजी का अभाव नहीं होगा, इस चर्चे से संलग्न सभी पक्ष आश्वस्त दिखते है। यह स्वयं में एक सकारात्मक पक्ष तो है ही।
अपर्ूण्ा बजेट, राजनीतिक अस्थिरता और दिशाहीन कर्मचारीतन्त्र के कारण देश में आर्थिक क्रियाकलाप प्रायः ठप्प सा होग गया है। ऐसी स्थिति में थानकोट-चम्पादेवी केवलकार परियोजना आशा की कुछ किरणें बिखेरने में सफल हर्ुइ है। वैसे लागत पूँजी के हिसाब से यह परियोजना छोटी है सही मगर इसके द्वारा आर्थिक गतिविधि में उल्लेखनीय योगदान मिल सकता है। परियोजना के निर्माण के साथ ही रोजगारी के अवसर, पर्यटकीय गतिविधि, यातायात एवं मनोरंजनात्मक क्रियाकलाप सभी सम्बन्धित क्षेत्रों में एक सकारात्मक हलचल तो लाएंगे ही।
विश्व की उत्कृष्ट प्रविधि का प्रयोग करते हुए यह केबलकार निर्मित होगा, ऐसा लगानीकर्ता ने बताया है। यह योजना आइर्एमई समूह के चन्द्र ढकाल, भाटभटेनी सुपर मार्केट के संचालक मीनबहादुर गुरुङ, हाथवे इन्भेस्टमेन्ट के प्रबन्ध संचालक अम्बिका पौडेल ओर एलिट क्यापिटल के प्रमुख कार्यकारी अधिकृत ज्ञानबहादुर जिसी के निवेश में संचालित होने की बात है। इस कम्पनी की अधिकृत पूँजी १ अर्ब और जारी पूँजी ७० करोडÞ की होगी।
इस केबल कार में थानकोट स्थित शहीद स्मारक प्रकृति प्रतिष्ठान -त्रिभुवन पार्क) के पास में सवार हुवा जा सकता है। ढर्Þाई किमी की लम्बाई में संचालित होनेवाले इस काम के लिए कम्पनी ने नेपाल सरकार से ७ सय २० हेक्टर जमीन लीज में ले ली है। थानकोट स्थित २० मीटर चौडा बटम स्टेशन -केबलकार में सवार होने की जगह) के लिए कम्पनी ने सरकार से जमीन लीज में ले ली है और स्थानीय लोगों से ६० रोपनी जमीन खरीद ली है।
उक्त प्रस्तावना कार्यान्वयन करने से पहले फन पार्क ने ‘वातावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्रतिवेदन’ तैयार करने के क्रम में अध्ययन प्रतिवेदन बनाकर थानकोट चुनदेवी मा.वि. में र्सार्वजनिक सुनवाई कार्यक्रम सम्पन्न कर लिया है। टप स्टेशन -केबलकार से उतरने की जगह) भालेश्वर की चोटी पर पर्यटन को ध्यान में रखते हुए अनेक संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, ऐसी जानकारी कम्पनी ने दी है।
इन संरचनाओं के अर्न्तर्गत होटल, रिसोर्ट, एम्युजमेन्ट पार्क, सभा-सेमिनार हल, चाय-कफी बगान, मनोरंजन पार्क और दृश्यावलोकन टावर आदि योजनाएं लक्षित हैं।
अभी देश को बडÞी योजनाओं की जितनी जरुरत है, उतनी ही जरुरत है ऐसी मध्यमस्तर की योजनाओं की। थोडÞे समय में सम्पन्न होनेवाली ऐसी परियोजनाओं से देश की आर्थिक गतिविधि में जो ठहराव आ गया है, उसे दूर किया जा सकता है। नीति-निर्माताओं का ध्यान इधर जाना जरुरी है।
जिसके फलस्वरुप वित्तीय संस्थाएं -बैंक), लगानीकर्ता, छोटे व्यवसायी उद्यमी और आपर्ूर्तिकर्ता सभी का ध्यान इस परियोजना ने अपनी ओर खींचा है। इस परियोजना अर्न्तर्गत केबलकार के अतिरिक्त फनपार्क, होटल, रेष्टुराँ, सडक और पर्ूवाधार भी करीब १ हजार ५ सय मीटर ऊँचाइ में स्थित फनपार्क को रमणीय तो बनाएंगे हीं। साथ ही केबल कार का अन्तिम पडÞाव १ हजार मीटर ऊँचाइ तक बहुत सारी व्यावसायिक गतिविधियाँ स्वतः संचालित होने लगेंगी।
फनपार्क निर्माण के लिए करीब ८० रोपनी जमीन खरीद और लिज में लिए जाने से तथा समग्र परियोजना में भाटभटेनी सुपरमार्केट और हाथवे इन्भेस्टमेन्ट जैसे समूह की लगानी के चलते मुख्य लागनीकर्ता फनपार्क प्रा.लि के लिए पूँजी का अभाव नहीं होगा, इस चर्चे से संलग्न सभी पक्ष आश्वस्त दिखते है। यह स्वयं में एक सकारात्मक पक्ष तो है ही।
अपर्ूण्ा बजेट, राजनीतिक अस्थिरता और दिशाहीन कर्मचारीतन्त्र के कारण देश में आर्थिक क्रियाकलाप प्रायः ठप्प सा होग गया है। ऐसी स्थिति में थानकोट-चम्पादेवी केवलकार परियोजना आशा की कुछ किरणें बिखेरने में सफल हर्ुइ है। वैसे लागत पूँजी के हिसाब से यह परियोजना छोटी है सही मगर इसके द्वारा आर्थिक गतिविधि में उल्लेखनीय योगदान मिल सकता है। परियोजना के निर्माण के साथ ही रोजगारी के अवसर, पर्यटकीय गतिविधि, यातायात एवं मनोरंजनात्मक क्रियाकलाप सभी सम्बन्धित क्षेत्रों में एक सकारात्मक हलचल तो लाएंगे ही।
विश्व की उत्कृष्ट प्रविधि का प्रयोग करते हुए यह केबलकार निर्मित होगा, ऐसा लगानीकर्ता ने बताया है। यह योजना आइर्एमई समूह के चन्द्र ढकाल, भाटभटेनी सुपर मार्केट के संचालक मीनबहादुर गुरुङ, हाथवे इन्भेस्टमेन्ट के प्रबन्ध संचालक अम्बिका पौडेल ओर एलिट क्यापिटल के प्रमुख कार्यकारी अधिकृत ज्ञानबहादुर जिसी के निवेश में संचालित होने की बात है। इस कम्पनी की अधिकृत पूँजी १ अर्ब और जारी पूँजी ७० करोडÞ की होगी।
इस केबल कार में थानकोट स्थित शहीद स्मारक प्रकृति प्रतिष्ठान -त्रिभुवन पार्क) के पास में सवार हुवा जा सकता है। ढर्Þाई किमी की लम्बाई में संचालित होनेवाले इस काम के लिए कम्पनी ने नेपाल सरकार से ७ सय २० हेक्टर जमीन लीज में ले ली है। थानकोट स्थित २० मीटर चौडा बटम स्टेशन -केबलकार में सवार होने की जगह) के लिए कम्पनी ने सरकार से जमीन लीज में ले ली है और स्थानीय लोगों से ६० रोपनी जमीन खरीद ली है।
उक्त प्रस्तावना कार्यान्वयन करने से पहले फन पार्क ने ‘वातावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्रतिवेदन’ तैयार करने के क्रम में अध्ययन प्रतिवेदन बनाकर थानकोट चुनदेवी मा.वि. में र्सार्वजनिक सुनवाई कार्यक्रम सम्पन्न कर लिया है। टप स्टेशन -केबलकार से उतरने की जगह) भालेश्वर की चोटी पर पर्यटन को ध्यान में रखते हुए अनेक संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, ऐसी जानकारी कम्पनी ने दी है।
इन संरचनाओं के अर्न्तर्गत होटल, रिसोर्ट, एम्युजमेन्ट पार्क, सभा-सेमिनार हल, चाय-कफी बगान, मनोरंजन पार्क और दृश्यावलोकन टावर आदि योजनाएं लक्षित हैं।
अभी देश को बडÞी योजनाओं की जितनी जरुरत है, उतनी ही जरुरत है ऐसी मध्यमस्तर की योजनाओं की। थोडÞे समय में सम्पन्न होनेवाली ऐसी परियोजनाओं से देश की आर्थिक गतिविधि में जो ठहराव आ गया है, उसे दूर किया जा सकता है। नीति-निर्माताओं का ध्यान इधर जाना जरुरी है।
स्रोत: हिमालिनि
No comments:
Post a Comment